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दन के लिए, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालयग्रिड से जुड़ी रूफटॉप सौर योजना (चरण- II) लागू कर रहा है। इस योजना के तहत मंत्रालय पहले 3 किलोवाट के लिए 40 प्रतिशतसब्सिडी और 3 किलोवाट से अधिक और 10 किलोवाट तक के लिए 20 प्रतिशतकी सब्सिडी प्रदान कर रहा है। यह योजना राज्यों में स्थानीय विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) द्वारा लागू की जा रही है।
मंत्रालय के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया है कि कुछ रूफटॉप सोलर कंपनियों/विक्रेताओं ने यह दावा करते हुए रूफटॉप सौर संयंत्र स्थापित किए हैं कि वे मंत्रालय द्वारा अधिकृत विक्रेता हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि मंत्रालय द्वारा किसी भी विक्रेता को अधिकृत नहीं किया गया है। यह योजना राज्य में केवल डिस्कॉम द्वारा कार्यान्वित की जा रही है। डिस्कॉमने बोली प्रक्रिया के माध्यम से विक्रेताओं को सूचीबद्ध किया है और छत पर सौर संयंत्र स्थापित करने के लिए दरों(लागत)का फैसला किया है।
लगभग सभी डिस्कॉम ने इस उद्देश्य के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया जारी की है। एमएनआरई योजना के तहत रूफटॉप सोलर संयंत्र स्थापित करने के इच्छुक आवासीय उपभोक्ता ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और सूचीबद्ध विक्रेताओं द्वारा रूफटॉप सोलर संयंत्र स्थापित करवा सकते हैं। इसके लिए, उन्हें विक्रेता को निर्धारित दर में मंत्रालय द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी राशि को घटाकर रूफटॉप सोलर संयंत्र की लागत चुकानी होगी। यह प्रक्रिया डिस्कॉमके ऑनलाइन पोर्टल पर दी गई है। डिस्कॉम के माध्यम से मंत्रालय द्वारा विक्रेताओं को सब्सिडी राशि प्रदान की जाएगी। घरेलू उपभोक्ताओं को सूचित किया जाता है कि मंत्रालय की योजना के तहत सब्सिडी प्राप्त करने के लिए, उन्हें डिस्कॉमद्वारा सूचीबद्ध विक्रेताओं से छत पर सौर संयंत्र स्थापित करने चाहिए और इसके लिए उपयुक्त प्रक्रिया का पालन करते हुए डिस्कॉमसे अनुमोदन भी प्राप्त करना चाहिए।
विक्रेता द्वारा स्थापित किए जाने वाले सौर पैनल और अन्य उपकरण मंत्रालय के मानक और विनिर्देशों के अनुरूप होंगे और इसमें विक्रेता द्वारा छत के सोलर संयंत्र का 5 साल का रख-रखाव भी शामिल होगा।
मंत्रालय को यह भी पता चला है कि कुछ विक्रेता घरेलू उपभोक्ताओं से डिस्कॉमद्वारा तय की गई दरों से अधिक कीमत वसूल रहे हैं, जो गलत है। उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे डिस्कॉमद्वारा निर्धारित दरों के अनुसार ही भुगतान करें। डिस्कॉमको ऐसे विक्रेताओं की पहचान करने और उन्हें दंडित करने का निर्देश दिया गया है।
अधिक जानकारी के लिए, हिंदुस्तान सोलर सोलूशंस संपर्क करें नंबर 6375826872 पर डायल करें
राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन
- राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन (National Solar Mission) का उद्देश्य फॉसिल आधारित ऊर्जा विकल्पों के साथ सौर ऊर्जा को प्रतिस्पर्द्धी बनाने के अंतिम उद्देश्य के साथ बिजली सृजन एवं अन्य उपयोगों के लिये सौर ऊर्जा के विकास एवं उपयोग को बढ़ावा देना है।
- राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन का लक्ष्य दीर्घकालिक नीति, बड़े स्तर पर परिनियोजन लक्ष्यों, महत्त्वाकांक्षी अनुसंधान एवं विकास तथा महत्त्वपूर्ण कच्चे माल, अवयवों तथा उत्पादों के घरेलू उत्पादन के माध्यम से देश में सौर ऊर्जा सृजन की लागत को कम करना है।
- इसका लक्ष्य दीर्घकालिक नीति, बड़े स्तर पर परिनियोजन लक्ष्यों, महत्त्वाकांक्षी अनुसंधान एवं विकास तथा महत्त्वपूर्ण कच्चे माल, अवयवों तथा उत्पादों के घरेलू उत्पादन के माध्यम से देश में सौर ऊर्जा सृजन की लागत को कम करना है।
प्रयास योजना
- भारत सरकार ने देश की फोटोवोल्टिक क्षमता को बढ़ाने के लिये सोलर पैनल निर्माण उद्योग को 210 अरब रुपए की सरकारी सहायता देने की योजना बनाई है। PRAYAS-Pradhan Mantri Yojana for Augmenting Solar Manufacturing नामक इस योजना के तहत सरकार ने वर्ष 2030 तक कुल ऊर्जा का 40 प्रतिशत हरित ऊर्जा से उत्पन्न करने का लक्ष्य रखा है।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन
- यह गठबंधन सौर ऊर्जा संपन्न देशों का एक संधि आधारित अंतर-सरकारी संगठन (Treaty-based International Intergovernmental Organization) है।
- ISA की स्थापना की पहल भारत ने की थी और पेरिस में 30 नवंबर, 2015 को संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन के दौरान CoP-21 से पृथक भारत और फ्राँस ने इसकी संयुक्त शुरुआत की थी।
- कर्क और मकर रेखा के मध्य आंशिक या पूर्ण रूप से अवस्थित 122 सौर संसाधन संपन्न देशों के इस गठबंधन का मुख्यालय गुरुग्राम (हरियाणा) में है।
- ISA से जुड़े 67 देश गठबंधन में शामिल हो गए हैं और फ्रेमवर्क समझौते की पुष्टि कर दी है।
- ISA फ्रेमवर्क में वर्ष 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा क्षमता और उन्नत व स्वच्छ जैव-ईंधन प्रौद्योगिकी सहित स्वच्छ ऊर्जा के लिये शोध और प्रौद्योगिकी तक पहुँच बनाने हेतु अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने तथा ऊर्जा अवसंरचना एवं स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी में निवेश को बढ़ावा देने का लक्ष्य तय किया गया है।
- ISA के प्रमुख उद्देश्यों में 1000 गीगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पादन की वैश्विक क्षमता प्राप्त करना है।