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राजस्थान सोलर पम्प कृषि कनेक्शन योजना|

Solar Pump Agricultural connection scheme

राजस्थान सोलर पम्प कृषि कनेक्शन योजना|

सोलर पंप सब्सिडी इन राजस्थान|

मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना राजस्थान

rajasthan सोलर पंप कृषि कनेक्शन योजना


प्यारे दोस्तों राजस्थान सरकार ने किसानों को एक तोहफा दिया है सोलर पंप का ताकि वह अपनी कृति को आगे बढ़ा सकें इस योजना के तहत लाभ लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवानी होगी ताकि वह इस योजना का लाभ ले सके | इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को पर्याप्त बिजली मुहैया करवाना है इस योजना का सबसे ज्यादा फायदा यह है कि किसानों को बिजली का बिल नहीं देना होगा

अब किसान भाई आप सभी सोच रहे होंगे हम भी सोलर पंप योजना का लाभ किस प्रकार ले सकेंगे क्या सभी किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा तथा हम इसमें किस प्रकार से आवेदन करेंगे प्यारे किसान भाइयों यह बहुत ही आसान प्रक्रिया है हमारे इस आर्टिकल को ध्यान से पढे हम इस की संपूर्ण जानकारी आपको देंगे|
इस योजना से किसानों को दिन में बिजली मिलेगी और विद्युत बिल भी नही देना पड़ेगा।

राजस्थान सोलर पम्प कृषि कनेक्शन आवेदन

  1.  सोलर पम्प कृषि कनेक्शन योजना में पंजीकरण के लिए विकल्प पत्र आवेदन कर सकेगें।
  2. यहां दिए गए वेबसाइट पर क्लिक करके भी आप ऑनलाइन फॉर्म सोलर पंप का भर सकते हैं
  3. योजना में पंजीकरण हेतु सामान्य कृषि कनेक्शन आवेदक विद्युत निगम के सम्बन्धित सहायक अभियन्ता (पवस) कार्यालय में रूपये 1000/- जमा कराकर आवेदन कर सकते हैं
  4. योजना में आवेदन करने के बाद कृषि कनेक्शन आवेदक की सौर ऊर्जा पम्प सेट स्थापित होने तक मूल प्राथमिकता निगम कार्यालय मे अप्रभावित रहेगीं।
  5. योजना में सरकार द्वारा 60 प्रतिशत राशि वहन की जावेगी एवं शेष 40 प्रतिशत राशि ही आवेदक द्वारा देय होगी।
  6. सौर ऊर्जा पम्प सेटों का रख-रखाव 7 वर्ष तक निःशुल्क निर्माता अथवा आपूर्तिकर्ता कम्पनी द्वारा किया जाएगा , जिसके लिए कंपनी द्वारा काॅल सेन्टर की भी व्यवस्था की जाएगी
  7. जिस पर उपभोक्ता अपनी शिकायत दर्ज करा कर उसका त्वरित समाधान करा सकेंगे
  8.  सौर ऊर्जा पम्प सेटों का 7 वर्ष तक निःशुल्क बीमा आपूर्तिकर्ता/निर्माता कंपनी द्वारा किया जाएगा ।
  • अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें – http://www.jaipurdiscom.com
  • दोस्तों आपको सोलर पंप कृषि योजना किस प्रकार की लगी कृपया कमेंट कर जरूर बताएं यदि आप संबंधित कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं तो कमेंट कर पूछ सकते हैं

क्या नरेंद्र मोदी सरकार की कुसुम योजना के बारे में जानते हैं आप?

क्या नरेंद्र मोदी सरकार की कुसुम योजना के बारे में जानते हैं आप? 

                                                                                                                                                                                                                                                                        केंद्र की मोदी सरकार ने किसान उर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान (कुसुम) योजना बिजली संकट से जूझ रहे इलाकों को ध्यान में रख शुरू की है. कुसुम योजना के तहत देशभर में सिंचाई के लिए इस्तेमाल होने वाले सभी डीजल/बिजली के पंप को सोलर ऊर्जा से चलाने की योजना है. कुसुम योजना का एलान केंद्र सरकार के आम बजट 2018-19 में किया गया था. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कुसुम योजना की घोषणा की थी.



क्या है कुसुम योजना का उद्देश्य?

                                            भारत में किसानों को सिंचाई में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है और अधिक या कम बारिश की वजह से किसानों की फसलें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं. केंद्र सरकार की कुसुम योजना के जरिये किसान अपनी जमीन में सौर ऊर्जा उपकरण और पंप लगाकर अपने खेतों की सिंचाई कर सकते हैं. कुसुम योजना की मदद से किसान अपनी भूमि पर सोलर पैनल लगाकर इससे बनने वाली बिजली का उपयोग खेती के लिए कर सकते हैं. किसान की जमीन पर बनने वाली बिजली से देश के गांव में बिजली की निर्बाध आपूर्ति शुरू की जा सकती है.

क्या है कुसुम योजना के लिए सरकार की तैयारी?

कुसुम योजना के तहत साल 2022 तक देश में तीन करोड़ सिंचाई पंप को बिजली या डीजल की जगह सौर ऊर्जा से चलाने की कोशिश की जा रही है. सरकार द्वारा निर्धारित बजट के हिसाब से कुसुम योजना पर कुल 1.40 लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी.

कुसुम योजना पर आने वाले कुल खर्च में से केंद्र सरकार 48 हजार करोड़ रुपये का योगदान करेगी, जबकि इतनी ही राशि राज्य सरकार देगी. किसानों को कुसुम योजना के तहत सोलर पंप की कुल लागत का सिर्फ 10 फीसदी खर्च ही उठाना ह 

कुसुम के पहले चरण में डीजल पंप बदले जाएंगे कुसुम योजना के पहले चरण में किसानों के सिर्फ उन सिंचाई पंप को शामिल किया जाएगा जो अभी डीजल से चल रहे हैं. सरकार के एक अनुमान के मुताबिक इस तरह के 17.5 लाख सिंचाई पंप को सौर ऊर्जा से चलाने की व्यवस्था की जाएगी. इससे डीजल की खपत और कच्चे तेल के आयात पर रोक लगाने में मदद मिलेगी. इसे भी पढ़ें: कैसे लें केंद्र सरकार की मुद्रा योजना में लोन? कुसुम योजना से दो तरह के फायदे केंद्र सरकार की कुसुम योजना किसानों को दो तरह से फायदा पहुंचाएगी. एक तो उन्हें सिंचाई के लिए फ्री बिजली मिलेगी और दूसरा अगर वह अतिरिक्त बिजली बना कर ग्रिड को भेजते हैं तो उसके बदले उन्हें कमाई भी होगी. अगर किसी किसान के पास बंजर भूमि है तो वह उसका इस्तेमाल सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए कर सकता है. इससे उन्हें बंजर जमीन से भी आमदनी होने लगेगी.


What is off grid solar system in hindi

What is off grid solar system in hindi



                                                                     दोस्तों अगर आप सोलर सिस्टम के बारे में रिसर्च करना शुरू करेंगे तो आपको पता चलेगा की सोलर सिस्टम कई प्रकार के होते हैं जिसमे से एक ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम का भी नाम आपने जरूर सुना होगा आज हम बात करेंगे इसी टॉपिक पर की ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम क्या होता है वैसे off -grid के अलावा दो और टाइप के सोलर सिस्टम होते हैं
1. on-grid सोलर सिस्टम 
2. hybrid सोलर सिस्टम 




off-grid सोलर सिस्टम : ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम वह सोलर सिस्टम होती है जिसमे सोलर पैनल के साथ-साथ बैटरी और इन्वर्टर भी लगी होती है, जब सोलर पैनल पर धुप पड़ने लगती है तो उस सोलर पैनल में से DC पावर सप्लाई निकलती है और फिर इन्वर्टर उस DC पावर को AC पावर में बदल देता है जिससे घर के सभी उपकरण को चलाया जाता है और साथ ही साथ इन्वर्टर घर में लगे एक बड़ी सी बैटरी (150 AH या 200 AH ) को भी चार्ज करता रहता है जिसका इस्तेमाल रात के समय में किया जाता है जब धुप बिलकुल चली जाती है। इस सिस्टम में बिजली के पावर सप्लाई से कोई कनेक्शन नहीं रहता है।
जिस तरह से on-grid सोलर सिस्टम को ग्रिड यानी की इलेक्ट्रिकल सप्लाई से जोड़ा जाता है उस तरह से off-grid को नहीं किया जाता है।

off-grid सोलर सिस्टम के कुछ फायदें और कुछ नुक्सान भी हैं :

फायदें : 
* अगर आप ये सोलर सिस्टम अपने घर में बैठाते हैं तो आप बिना बिजली की कनेक्शन लिए ही चौबीसो घंटे बिजली की सुविधा उठा सकते हैं और अगर आपने पहले से बिजली की कनेक्शन ले भी रखीं हैं तो आप उसके बिल को बिलकुल 0 कर सकते हैं और मात्र 10 से 12 महीने में आप अपनी पूरी लागत को निकाल सकते हैं जो आप सोलर सिस्टम को इनस्टॉल करने में खर्च करेंगे।

* एक बार का इन्वेस्टमेंट और ज़िन्दगी भर के लिए इन्जॉयमेंट

* बिना बिजली कनेक्शन के बिजली 24 ऑवर


नुक्सान :
* इसकी कीमत थोड़ी सी ज्यादा है

* इसे इनस्टॉल करना आसान नहीं है एक अच्छे तकनीशियन की जरुरत पड़ेगी

* इसमें लगे बैटरी को हमेशा मेंटेन करना पड़ता है

अब अगर आपको एक अच्छा सा off-grid सोलर सिस्टम लेना है तो आप कहाँ से लेंगे  तो इसके लिए हमने निचे कुछ ऐसे कंपनियों के नाम और उनके लिंक दे रखें हैं जहाँ से आप एक बढ़िया सा ऑफ़ ग्रिड सोलर सिस्टम ले सकते हैं


HINDUSTAN SOLAR SOLUTIONS 9468551374, 9511501748 , 8094395067
 

सौर ऊर्जा के फायदे नुकसान

सौर ऊर्जा के फायदे नुकसान 



सौर ऊर्जा किसे कहते हैं?

सौर ऊर्जा यानी सूर्य से प्राप्त ऊर्जा को हम बिजली में बदलकर अपने घरों एवं व्यापार में इस्तेमाल करते हैं। नवीनीकरण के आज के इस युग में सौर ऊर्जा एक मुख्य विषय बन गया है। क्या आपको यह रोचक तथ्य पता है कि 1 घंटे की सौर ऊर्जा से हम 1 वर्ष तक की आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश हम इस उर्जा का केवल 0.001% भाग ही उपयोग कर पा रहे हैं।
सौर प्रौद्योगिकी में लगातार सुधार हो रहा है, इस कारण सूर्य की ऊर्जा की प्रचुरता का उपयोग करने की हमारी क्षमता बढ़ रही है। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (2017) की एक रिपोर्ट के अनुसार सौर ऊर्जा का उपयोग तेजी से बढ़ा है एवं सौर ऊर्जा की वृद्धि बाकी सभी इंधनों से अधिक पाई गई है। वह दिन दूर नहीं जब हम सभी एकजुट होकर सौर ऊर्जा से उत्पन्न बिजली एवं अन्य लाभ उठा पाएंगे।

सोलर पैनल के काम करने का तरीका

सौर कोशिकाएं सिलिकॉन से बनी होती है और कोशिकाएं मिलकर सोलर एनर्जी (सौर उर्जा) बनाती हैं। जब फोटोन्स एक सौर सेल से टकराते हैं तो वे इलेक्ट्रॉनों को अपने परमाणुओं से ढीला करते हैं। जब कंडक्टर कोशिका के सकारात्मक एवं नकारात्मक पक्ष जुड़े होते हैं तो एक विद्युत सर्किट बनता है और जब ऐसे सर्किट के माध्यम से इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह होता है तो बिजली उत्पन्न होती है।
आइए देखते हैं सौर ऊर्जा के अपने आप में क्या फायदे एवं क्या नुकसान हो सकते हैं।

सौर उर्जा के लाभ 

सौर ऊर्जा प्रदूषण मुक्त है

बिजली या अन्य ऊर्जा के स्त्रोत को उत्पन्न करने के दौरान कुछ ना कुछ प्रदूषण होता ही है और यह प्रदूषण से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। वहीं दूसरी ओर सौर ऊर्जा की उत्पत्ति में ऐसी कोई मुश्किल सामने नहीं आती है।

अन्य ऊर्जा के स्त्रोत पर आश्रित ना होना

सौर ऊर्जा के अस्तित्व में आने के बाद एवं इसके बढ़ते हुए उपयोग से अन्य ऊर्जा स्त्रोतों पर दबाव कम हुआ है जो कि पारितंत्र एवं पर्यावरण दोनों के लिए एक अच्छा चिंह है।

ना के बराबर रखरखाव

सौर ऊर्जा प्रणालियों को बहुत ज्यादा रखरखाव की आवश्यकता नहीं होती है। बस प्रतिवर्ष दो बार साफ सफाई की जरूरत होती है, परंतु इस बात का ध्यान रखा जाए की सफाई हमेशा विशेषज्ञों से ही कराएं जो इस काम को बखूबी जानते हो। इनवर्टर भी प्रणाली का एक हिस्सा होते हैं, जिन्हें पांच 10 साल में बदलना होता है अर्थात प्रारंभिक लागत के अलावा रखरखाव व मरम्मत कार्य पर बहुत कम खर्च होता है।

अन्य की तुलना में सुरक्षित

पारंपरिक बिजली के स्त्रोतों के मुकाबले में सौर ऊर्जा कहीं ज्यादा सुरक्षित है, चाहे वह उपयोग की बात हो या रखरखाव एवं मरम्मत की।

नवीकरणीय ऊर्जा

सौर ऊर्जा असल में नवीकरणीय ऊर्जा का स्त्रोत है। इसे दुनिया के हर एक कोने में उपयोग किया जा सकता है, अर्थात यह हमेशा उपलब्ध है। ऊर्जा के अन्य स्त्रोतों के विपरीत, सौर ऊर्जा कभी ना खत्म होने वाली ऊर्जा का स्त्रोत है।

बिजली के बिल में कटौती

चूंकि आप सौर ऊर्जा द्वारा उत्पन्न बिजली से अपनी सभी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करेंगे, इस कारण आप को बिजली के बिल की भारी कीमत से राहत मिलेगी। आप अपने बिल पर कितनी बचत कर पाते हैं यह आपकी जरूरतों पर निर्भर करता है।

अधिकतम उपयोग

विभिन्न उद्देश्यों के लिए सौर ऊर्जा का प्रयोग किया जाता है। सौर ऊर्जा द्वारा बिजली या गर्मी (सौर थर्मल) कुछ भी उत्पन्न कर सकते हैं। बिना बिजली के क्षेत्रों में बिजली पहुंचा सकते हैं, फैक्ट्रियों में इस्तेमाल कर सकते हैं, स्वच्छ पानी की आपूर्ति कर सकते हैं, घरों के घरेलू काम में इस्तेमाल कर सकते हैं, अंतरिक्ष के उपग्रहों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

प्रौद्योगिकी विकास

सौर ऊर्जा के सफलतापूर्वक बढ़ते हुए उपयोग से औद्योगिक विकास में वृद्धि आई है एवं भविष्य में भी तेजी से आगे बढ़ने की आशंका है।

सौर ऊर्जा द्वारा हानि

लागत का भारी खर्च

सौर प्रणाली को खरीदने का प्रारंभिक खर्च काफी अधिक हो सकता है, इसमें सौर पैनल, इनवर्टर, बैटरी, वायरिंग और स्थापना का खर्च शामिल होता है। सरकार प्रयास कर रही है कि दाम कम हो अथवा सौर ऊर्जा भविष्य में भी विकासशील रहे।

ज्यादा जमीन की मांग

जितनी अधिक बिजली की आपूर्ति करना चाहते हैं, उतने ही अधिक सौर पैनलों की आवश्यकता होगी और सौर पैनलों को स्थापित करने के लिए काफी जगह की आवश्यकता होती है। अर्थात इसके लिए ज्यादा क्षेत्रफल चाहिए होगा, हालांकि छतों पर सौर पैनल को लगा सकते हैं, पर जगह पर्याप्त नहीं रहती है। इस परेशानी के भी विकल्प ढूंढे जा रहे हैं।

मौसम आश्रित

चूंकि बादल और बरसात के दिनों में सौर ऊर्जा एकत्र कर पाना संभव नहीं है, इस कारण से सौर पैनल खराब मौसम में बेकार साबित होते हैं। बहुत ठंड के मौसम में भी, जब सूरज नहीं निकलता है, तब भी यह काम करने में सक्षम नहीं होते हैं, रात में भी ऊर्जा उपलब्ध नहीं हो पाती है।

सौर ऊर्जा भंडारण महंगा है

सौर ऊर्जा का तुरंत उपयोग किया जा सकता है या फिर इसे एक बैटरी में संग्रहित किया जा सकता है। संग्रहित की गई उर्जा को रात में इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो एकत्रित करने का या भंडारण का तरीका महंगा है, क्योंकि आप ऊर्जा बैटरी में तभी एकत्रित कर पाएंगे जब आपकी सौर प्रणाली ग्रिड नामक उपकरण से जुड़ी हुई हो।

What is on-grid solar system - ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम क्या है ?

What is on-grid solar system - ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम क्या है ?

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दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम पुरे विस्तार से ये जानेंगे की ऑन ग्रिड (on-grid) सोलर सिस्टम क्या होता है थ्योरी और डेफिनिशन के साथ-साथ प्रैक्टिकल examples को भी खूब अच्छे से समझेंगे 
ऑन ग्रिड (on-grid) सोलर सिस्टम के बारे में बताने से पहले आपके लिए ये जानना बहुत जरुरी है की ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम के आलावा भी सोलर सिस्टम के दो और टाइप्स हैं जैसे की: 
1. ऑन ग्रिड (on-grid) सोलर सिस्टम - ग्रिड-टाई या ग्रिड-फीड सोलर सिस्टम के रूप में भी जाना जाता है
2.ऑफ ग्रिड (off-grid) सोलर सिस्टम - स्टैंड-अलोन पॉवर सिस्टम (SAPS) के रूप में भी जाना जाता है
3. हाइब्रिड (hybrid) सोलर सिस्टम - ग्रिड-कनेक्शन के साथ सौर प्लस बैटरी भंडारण

solar panel-सोलर पैनल :  सोलर पैनल शौर उर्जा को DC (Direct current) पॉवर में कन्वर्ट करने का काम करता है.  और फिर हम उस डीसी पॉवर को  इन्वर्टर की मदद से AC (Alternating current) में परिवर्तित कर देते हैं.और फिर उस AC पॉवर को स्विच बोर्ड्स में कनेक्शन कर देते हैं जिससे हमारे घर के सभी उपकरण जुड़े होते हैं, सोलर पैनल के भी दो प्रकार होते हैं
1. पाली क्रिस्टेलीन 
2. मोनो क्रिस्टेलीन

on-grid solar-ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम :  ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम वह सोलर सिस्टम होती है जिसमे आपका सोलर सिस्टम ग्रिड के साथ यानी की इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई के साथ जुड़ा हुआ रहता है, जिसके कारन आपके घर की जितनी लोड होती है अगर आपका सोलर उससे अधिक पॉवर बनाता है तो वो एक्स्ट्रा पॉवर ग्रिड में चली जाती है जिसे आपके खाते में जमा किया जाता है, और आप इसे जब चाहें तब उपयोग कर सकते हैं या फिर आप इसे उल्टा इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड को भी बेच सकते हैं | निचे दिए  गए तस्वीर को देख कर आप इसे और भी बेहतर समझ सकते हैं।

#solar_on+_grid #HINDUSTAN_SOLAR_SOLUTIONS
उम्मीद है आपको कुछ हद तक समझ में आ गया होगा की ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम कैसे काम करता है अब चलिए इसे एक और एक्जामपल के जरिये समझते हैं की ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम काम कैसे करता है 


ऑन ग्रिड (on-grid) सोलर सिस्टम को समझने के लिए एक और उदहारण : मान लीजिये आपके घर में एक पानी का कनेक्शन है जिसमे पानी अपने टाइम के हिसाब से आती है वो भी कहीं दूर के किसी बड़े वाटर टैंक से आती है अब अगर आप अपने घर में एक मोटर लगा देते हैं और उसकी कनेक्शन उसी पाइप में कर देते हैं जो पहले से ही आपके घर में गया हुआ है, तब आपको जब भी पानी की जरुरत होगी आप अपने मोटर को चालु करके भी पानी प्राप्त कर सकते हैं और जब आपकी जरूरतें ख़तम हो जाएँगी तब आप अगर कुछ देर मोटर को चालु अवस्था में छोड़ देते हैं तो आपके मोटर से निकलने वाला पानी उल्टा उस जगह को जाएगी जहाँ से हमारे घर में पानी का कनेक्शन आया हुआ है, इसे समझने के लिए भी हमने निचे एक इमेज लगाया हुआ है। 


चलिए अब जरा हम बात कर लेते हैं इसके कुछ अच्छाई और बुराई के बारे में.....!

बुराई : इसमें अभी तक सिर्फ एक ही सबसे बड़ी कमी है की ये सिस्टम बिजली के कट जाने पर भी काम नहीं करता है, वैसे इसके ऊपर काम चल रहा है हो सकता है आने वाले समय में इसकी इस एक कमी को भी दूर किया जा सके

अच्छाई : इसकी सबसे अच्छी बात ये है की इसकी कीमत बाकी के सोलर सिस्टम से काफी कम है, और इसे इनस्टॉल करना भी काफी आसान है आने वाले पोस्ट में हम आपको ये जरुर बताएँगे की ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम को कैसे इनस्टॉल करते हैं ?